आज पूरे विश्व में ऑक्सीजन की कमी का रोना रोया जा रहा है । ऐसे में बिहार के डॉ. धर्मेन्द्र कुमार ने ऑक्सीजन बैंक बनाने का बीड़ा उठाया है । उनके बैंक में नीम, पीपल व तुलसी के पौधे शामिल हैं । उनके अनुसार वर्तमान परिस्थितियों में हर 500 मीटर पर ऑक्सीजन बैंक की आवश्यकता है अत:अधिकाधिक पीपल के वृक्ष लगाएँ जाएँ जो स्वत: ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं । एक पीपल का पौधा लगाने से एक ऑक्सीजन बैंक का निर्माण होता है। दिल्ली एन.सीआर. जैसे क्षेत्र प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं ,क्योंकि लोग पारम्परिक वृक्षों के स्थान पर सजावटी व फलों के वृक्षों को लगाने लगे हैं । और हमेशा से ऑक्सीजन वाले पौधों को नजरअंदाज किया जाता रहा है। हम  तुलसी ,नीम  और पीपल के पौधों के महत्व को भूलते जा रहे हैं। जिस कारण आज हमे प्राकृतिक में बहुत सारे हानिकारक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। उन्होने पीपल, नीम के पौधों का रोपण करने को कहा जिससे पर्यावरण का संतुलन भी बना रहेगा और ऑक्सीजन में भी बढ़ोतरी होगी । धर्मेंद्र कुमार को उनके इस कार्य के कारण नेशनल ग्रीन थिंग कर अवार्ड से सम्मानित गया।

Pic credit : Dainik jagran

पीपल के वृक्ष 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं, कम होते ऑक्सीजन के लिए यह एक ऑक्सीजन बैंक के रूप में हमारे सामने आया है। धर्मेंद्र ने बताया कि वह अब तक इन तीनों को मिलाकर 10 हजार पौधे लगा चुके हैं। जिस भी शहर जाते हैं पीपल लगाते हैं, अपने साथ पौधे रखते हैं। कार्यक्रम में पीपल की पत्ती भी बांटते हैं, जो कभी नष्ट या खराब नहीं होती। कुछ माह पूर्व वह मेरठ एक कार्य से आए थे, उस समय कलक्ट्रेट में पीपल का पौधा रोपा था। रविवार को उन्होंने हापुड़ रोड पर ईहा दीक्षित के साथ पीपल रोपा। जिस से पर्यावरण संरक्षण और पीपल तुलसी व नीम के पौधों की महत्ता फिर से चरम सीमा पर पहुंची है। उनका यह प्रयास प्रशंसा के योग्य है।

नेहा गुप्ता

 

 

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