‘हरित गृह ‘ घर को कुछ ऐसे ढंग से रखने का सुझाव जिससे हम पर्यावरण संरक्षण हेतु पर्यावरण गतिविधियों द्वारा ही पर्यावरण अनुकुल घर बना सकें।घर में पक्षियों के लिए खाने- पीने की व्यवस्था, घर में बगीचे की अनिवार्यता, घर का कचरा घर में, जल संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण जैसी चीजें शामिल की गई । ऐसे छोटे- छोटे हमारे प्रयासों से हम कुछ हद तक पर्यावरण संरक्षण कर सकते है। इसमे कुछ लोगो एवं उनके सुझावों द्वारा घरों को हरित गृह में परिवर्तित करके पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया है।
जल संरक्षण और हरित गृह का संबंध कुछ इस प्रकार है कि घर का पानी घर में रहे और जो पानी दुबारा इस्तेमाल में आ सकता है ,वो आ जाये । वाटर हार्वेस्टिंग भी एक अच्छा उपाय है इससे हम वर्षा के जल को संरक्षित करके रख सकते है और इसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है जैसे कि हम उस संरक्षित जल से कपड़े धो सकते है , बर्तन धो सकते है , पौधों में पानी डाल सकते है इसके अलावा कई घरेलू कार्य हम कर सकते हैं। आर ओ के पानी को दुबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता है । आर ओ के पानी को फ़िल्टर होने के बाद हम उससे बर्तन धो सकते है या उस पानी को एक पाइप द्वारा बगीचों में डालने के लिए उपयोग कर सकते है । अतिथि जब आये तो उन्हें पूरे ग्लास भर के पानी के बजाए आधा ग्लास ही पानी दे आव्यशकता परने पर ओर पानी दे । अतिथि ही नही खुद भी आधा ही ग्लास पानी लें जिससे कि पानी व्यर्थ न जाये । जहां तक हो सके पानी को हमे संरक्षित करना चाहिए । पानी के नल खुले न हो ये सुनिश्चित कर लें ।आजकल सभी के घरों में पानी टंकियां होती हैं । हमें ये हमेशा ध्यान रखना चाहिये कि कोई भी टंकी खुली न हो कोई भी लीक न कर रही हो । ब्रश करते समय हमेशा नल बन्द रखें । जब भी नल खोलें उसे ज्यादा तेज न चलाएं । शॉवर से नहाने की बजाय बाल्टी में पानी भरकर नहाएं । जल हमारे लिए कितना आवश्यक है ये बताने की जरूरत नही अत: जब भी हम जल का उपयोग करें तो सोच समझ के करें । लोगो को भी इसके प्रति सचेत करें। ऐसे सुझावों को औरों तक पहुचाएं ।
घर में हम छोटे छोटे बगीचे भी बना सकते है । यह बहुत पहले से ही होता आ रहा है कि लोग घर में छोटी सी बगिया बनाकर साग -सब्जी उगाते है । इसमें एक खास बात यह होती है कि कई ऐसे खाद्य पदार्थ हमारी रसोई में से निकलते है जिन्हें हम खाद के रूप में पौधों में डाल सकते है । जैसे बची हुई चाय की पत्ती जो चाय बनाने के बाद बाकी रह जाती है ।
पक्षियों का घर बनाकर भी देखभाल करना हमारा काम है ।पक्षियों के लिए भी हम एक पक्षी घर बना सकते है छोटा सा जिसमे की गर्मियों में पक्षी कुछ देर उसमें आराम कर सकें । पक्षियों के लिए एक मिट्टी के घड़े में ऊपर छत पर पानी भी रख सकते हैं । एक पक्षियों के लिए दाना घर भी बना सकते हैं । जिसमे की हम पक्षियों के लिए कुछ अनाज के दाने रख सकें । ऐसे छोटे- छोटे कामों से हम पक्षियों की भी सुरक्षित कर सकते हैं ।
हम घर में 3 प्रकार के डस्टबीन इस्तेमाल कर सकते है । एक डस्टबीन में गीला कचरा जो हम खाद के रूप में पोधो में इस्तेमाल कर सकते हैं । दूसरा सूखा कचरा जिसे हम दुबारा इस्तेमाल में ला सकते है और तीसरा जिसमें हम सिर्फ प्लास्टिक की चीजों को ही फेकें जिससे कि हम उससे कुछ सजावटी चीजें बना सकें । जरूरी नही की कचरे का डब्बा हम बाजार से ही खरीदे हम सूखे कचरे ओर प्लास्टिक के कचरे के लिए घर में किसी गत्ते का डस्टबीन भी बना सकते हैं और उपयोग में ला सकते है । एक उपाय यह भी है कि हम प्लास्टिक का थैला इस्तेमाल में न लाये । घर से ही थैला लेकर जाए और जहां तक हो सके प्लास्टिक की जगह किसी कपड़े का थैला घर में बनाकर इस्तेमाल में लाये । घर में बने कपड़े का थैला मजबूत ही बनता है और उसे हम धो कर दुबारा इस्तेमाल में ला सकते हैं । जहाँ तक हो सके हमे प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
हरित गृह में हमने कई ऐसे तरीके देखे जिससे कि हम पर्यावरण संरक्ष्ण में एक छोटी सी पहल कर सकते हैं । कई लोगो ने भी इसकी पहल की करीब 55,114 लोगो ने पर्यावरण गतिविधि द्वारा अपने घर को हरित घर बनाने की शपथ ली । इसमें बहुत से लोग सामने आए और इन्ही कुछ नियमों का पालन करते हुए 5 जून,2020 को अपने घर को हरित गृह बनाने का प्रण लिया ।
यह कुछ ऐसे छोटे – छोटे कदम हैं जिससे कि हम अपने पर्यावरण को साफ रख सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगो को हमे इसके प्रति सचेत करना चाहिए । लोगो तक जनजागरूकता पहुंचानी चाहिए बताना चाहिए कि हम अपने घर को 5 तरीको से हरित गृह बना सकते हैं ओर पर्यावरण को बचा सकते हैं।
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