‘हरित गृह’ हरा भरा घर

‘हरित गृह ‘ घर को कुछ ऐसे ढंग से रखने का सुझाव जिससे हम पर्यावरण संरक्षण हेतु पर्यावरण गतिविधियों द्वारा ही पर्यावरण अनुकुल घर बना सकें।घर में पक्षियों के लिए खाने- पीने की व्यवस्था, घर में बगीचे की अनिवार्यता, घर का कचरा घर में, जल संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण जैसी चीजें शामिल की गई । […]

अपशिष्ट प्रबंधन और ऊर्जा संरक्षण

औद्योगिकीकरण के इस दौर में हर देश विकास की अंधी दौड़ में पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने में अपना योगदान दे रहा है। इस सूची में शामिल होने वाले देशों में विकसित देशों का प्रतिशत विकासशील देशों की अपेक्षा कई अधिक हैं। निरंतर बढ़ती जनसंख्या के कारण मनुष्य द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली कई प्रकार […]

गृहवाटिका

सदियों से यह मान्यता हैं कि पेड़- पौधे लगाना अर्थात अपना जीवन स्वयं बचाना। प्राचीन समय में जब ज्यादा शहर नहीं बसे थे, तो लोग अपने लिए अपने घर में ही खेती किया करते थे और अपने परिवार की जरूरत के अनुसार सारी सब्जी और फल घर में ही उगा लेते थे । लेकिन समय […]

जल: आज, कल और परसों

जल क्या है, क्या हम जो पीते हैं जिससे हम सफाई करते हैं क्या बस वही जल है। नहीं, जल है तो दुनिया है, नहीं तो कुछ भी नहीं। सोचो अगर जल ना होता तो शायद दुनिया में अनाज भी ना होता, इंसान भी ना होता, और यह जीव जंतु भी ना होते। यह तो […]

श्याम सुंदर राठोड: ‘हरित गृह, पर्यावरण सरंक्षण की ओर बढ़ता एक कदम’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मानव व प्राकृतिक कल्याणकारी गतिविधि पर्यावरण संरक्षण के निमित आज चर्चा करेंगे भीलवाड़ा राजस्थान के श्याम सुंदर राठौड़ जी की। आप पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और वर्तमान में स्वंय के साफ्टवेयर कम्पनी व व्यवसाय के साथ आप पर्यावरण संरक्षण से जुड़े सेवा प्रकल्पों में सक्रिय है।

वन संरक्षण

वन मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रारंभिक दौर से ही जगलो की संख्या पृथ्वी पर अधिक रही ,परन्तु धीरे धीरे बढते वैश्वीकरण ने वन की जीवन स्तर को समाप्त कर दिया है, आरंभिक काल मे आदिमानव प्रकृति से स्वयं को जोड़कर रखता था ,और उसी प्रकृति का सम्मान करता था, परन्तु आज का […]

हमारी उदासीनता को झकझोरता बढ़ता पर्यावरणीय असंतुलन

आज समूचा विश्व जल आपूर्ति की समस्या से ग्रसित है। ओर कही नहीं हमारे देश भारत की ही बात करें तो देश भर में आज की स्थिति में कई ऐसे शहर व गाँव है जहां के रहवासियों को पीने व रोजमर्रा की जरूरतों की पूर्ति के लिए पानी की जुगत भिड़ाने में घण्टों की मेहनत […]

जड़ों से जड़ों तक..

आमतौर पर हम प्रकृति को बचाने की बातें करते हैं। वातावरण को शुद्ध करने के उपाय सोचते हैं और साफ सफाई के नारे लगाते हुए शपथ लेते हैं, मगर मुट्ठी भर कार्य करने के बाद हम दूसरे कार्य और जीवनयापन के साधनों को जुटाने में यह सब बातें भूल जाते हैं।

वानिकी

वानिकी एक ऐसा शब्द है जिसका संबंध हम सभी से टूटता जा रहा हैं. आज के समय में वानिकी शब्द को पसंद तो सभी करते हैं लेकिन वानिकी को बहुत कम लोग अपना पाते हैं. देखा जाए तो वानिकी के बिना हमारा जीवन अधूरा हैं, यह भी कहा जा सकता है बिना वानिकी के हमारा […]

How can we reduce/save the source of Energy

There is no denying that change is the unchanging law of life. Some changes are rosy while others are detrimental as both these act as a spouse to each other. However, as human beings, we always welcome only favorable changes and wish to keep other ones at bay from us. If we talk in the […]